हंडिया । इन दिनों जिले भर में भूसा बिक्री करने वाले दलाल सक्रिए हैं। ब़ड़े स्तर पर भूसा जिले से बाहर बेचा जा रहा है जिससे जिले की गौशालाओं में गौवंश की दुर्दशा होना निश्चित है।

कलेक्टर ने आदेश जारी कर भूसे को जिले के बाहर ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है परन्तु उसका क़ड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा है। देखने में आ रहा है कि कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

जिले का गौवंश सड़कों पर घूमने को मजबूर है। गौशालाओं में साल भर के लिए भूसा की खरीद नहीं हो पा रही है क्योंकि जिले में विचौलिए सक्रिय है।

विचालियों के कारण भूसा की कीमतें आसमान छू रही है। समय रहते यदि शीघ्र रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में जिले की गौशालाओं में रहने वाला गौवंश भी भूखा रहने के लिए मजबूर होगा।

जबकि हरदा कलेक्टर के आदेश अनुसार भूसे के निर्यात पर लगा प्रतिबंध
गेहूँ व चने का भूसा ईंधन के रूप में प्रयोग नहीं कर सकेंगे
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आदित्य सिंह ने हरदा जिले में पशुओं के लिये चारा भूसे की कमी न हो, इस उद्देश्य से गेहूँ व चना के भूसे का ईंट भट्टे व फैक्ट्रीयों में जलाने व जिले की सीमा के बाहर निर्यात करने पर 15 अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया है। जारी आदेश अनुसार अब कोई भी व्यक्ति, व्यापारी अथवा किसान किसी भी प्रकार से बिना एसडीएम की लिखित अनुज्ञा के भूसे को जिले के बाहर नहीं ले जा सकेंगे। आदेश का उल्लंघन होने पर मध्यप्रदेश पशु चारा निर्यात नियंत्रण आदेश 2000 तथा धारा 223 भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रावधानों के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इसके बाद भी रात्रि के समय भूसे को आसानी से जिले के बाहर ले जाया जा रहा हे।