हरदा। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक सोमवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री आदित्य सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दर्शनसिंह गेहलोत, जिला पंचायत सदस्य श्री ललित पटेल, जनपद अध्यक्ष खिरकिया श्रीमती रानू पटेल सहित अन्य अधिकारी व किसान प्रतिनिधि मौजूद थे।

बैठक में ग्रीष्मकालीन मूंग सिंचाई वर्ष 2025 के लिये नहर में जल प्रवाह छोड़ने की तिथि पर चर्चा की गई तथा पानी की मांग का निर्धारण किया गया।
बैठक में किसानों ने सुझाव दिया कि : 18 मार्च तक तवा डेम से मूंग फसल के लिये पानी छोड़ने की व्यवस्था की जाए।

कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ओसराबंदी कार्यक्रम पूर्व सूचना देकर जारी किया जाए और कोशिश की जाए कि नहर के अंतिम छोर पर स्थित किसान तक पानी हर हाल में पहुँचे। उन्होने कहा कि नहर से सिंचाई के लिये जल प्रदाय व्यवस्था में आवश्यकता पड़ने पर पुलिस बल व अतिरिक्त कर्मचारियों की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होने कहा कि नियम विरूद्ध तरीके से नहर का पानी लेने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी तथा बिना अनुमति के संचालित विद्युत पम्प जप्त किये जायेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को निर्देश दिये कि सिंचाई कार्य की मॉनिटरिंग के लिये नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जाये और इस दौरान जहां कहीं भी सायफन सिस्टम या हेडअप पाये जायें उन्हें तत्काल हटाया जाये ताकि नहर के अंतिम छोर पर स्थित खेत तक पानी पहुँच सके।
कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग श्री डी.के. सिंह ने बताया कि तवा जलाशय में वर्तमान में जल भण्डारण का स्तर 349.10 मीटर है। इस जल स्तर पर जलाशय में उपयोगी जल भण्डारण क्षमता 949 मिलियन घन मीटर है। इसमें से हरदा एवं नर्मदापुरम् जिले के किसानों की मूंग की फसल के लिये 879 मिलियन घन मीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होने बताया कि हरदा संभाग के 19135 हेक्टेयर तथा टिमरनी संभाग अंतर्गत 19325 हेक्टेयर सहित कुल 38460 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग फसल की सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जाएगा।