म.प्र की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी घाटों पर लोगों द्वारा की जा रही गंदगी नहीं होती सफाई

हंडिया। धार्मिक नगरी हंडिया में नर्मदा नदी की दुर्दशा देखी जा रही है। नर्मदा की सहायक नदियों से लेकर आस्था की प्रतीक नर्मदा के प्रति उदासीनता का भाव स्वच्छता के भाव पर हावी दिखाई देता है।

हरदा जिले के हंडिया से होकर बहने वाली नर्मदा के बचे खुचे अस्तित्व को बचाने के शासकीय एवं प्रशासनिक प्रयास न किए जाने से नदी की दिनों दिन दुर्दशा हो रही है।

नर्मदा घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नहीं होती सफाई और न हीं कूड़ेदान रखे गए हैं जिससे लोग गंदगी किए जा रहे हैं इस और न ही ग्रामीण प्रशासन और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है।

नर्मदा के तटों को प्रदूषित कर रहे लोग

नर्मदा घाटों पर श्रद्धालु अगरबत्ती,साबुन, शैंपू,तेल के पाउच फेक जाते हैं। इसके साथ ही पूजन सामग्री, नारियल के अवशेष, अस्थि विसर्जन के दौरान लोगों के मुंडन करने पर नदी किनारे पड़े बाल एवं पुराने कपड़े फेंकने से लेकर लोग नर्मदा किनारे निस्तार करने से भी नहीं चूकते। नर्मदा किनारे के ग्राम वासी एवं श्रद्धालु स्नान करने के दौरान अपने वाहनों को भी नर्मदा में धोते हैं वहीं लोग अपने पशुओं को नर्मदा में नहलाने आते हैं।

ये है इनके जिम्मेदार

ग्राम पंचायत: नर्मदा सफाई अभियान का भी असर नहीं

बीते महीना नर्मदा किनारे सफाई अभियान चलाकर नर्मदा को संवारने की एक होड़ सी लगी देखी जा रही थी। जो इन दोनों दिखाई नहीं दे रही, अनेक समितियां तहसील के नर्मदा तटों पर भी प्रत्येक सप्ताह नर्मदा स्वच्छता अभियान चला रही थी।

लोगों का कहना है: की नर्मदा की सफाई से अधिक फोटो खिंचवाने तक की नर्मदा भक्ति दिखाई देती है। जबकि हकीकत में नर्मदा के हाल नर्मदा तटों पर जाकर आसानी से देखे जा सकते हैं।

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